गुडग़ांव, कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या जिले में
दिन-प्रतिदिन कम ही होती जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि आने वाले
दिनों में यह संख्या और भी कम हो जाएगी, लेकिन अस्पतालों में कोरोना
पीडि़तों की संख्या में वृद्धि होती नजर आ रही है। जिले में 2 सप्ताह
पहले तक प्रतिदिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या नए मरीजों से अधिक
रहती थी, लेकिन अब स्वस्थ होने वाले मरीजों के अनुपात में ही नए कोरोना
संक्रमित आ रहे हैं, जिसका सीधा असर अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की
संख्या पर पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि जिले मे कोरेाना
उपचार के लिए बनाए गए अस्पतालों में केवल 2 मरीज ही उपचाराधीन रह गए थे।
जबकि वर्तमान में यह संख्या बढक़र करीब 19 तक पहुंच गई है। बताया जाता है
कि 530 मरीज होम आइसोलेशन में थे, जबकि वर्तमान में करीब 634 मरीज होम
आइसोलेट हैं। 2 सप्ताह पूर्व जिले में 700 से भी कम कोरोना के सक्रिय
मरीज थे, जबकि इस समय सक्रिय मरीजों की संख्या करीब 756 बताई जा रही है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग सीरो सर्वे के माध्यम से मरीजों में एंटीबॉडीज
का पता लगाने के लिए अभियान भी शुरु किया हुआ है। कुछ भी हो स्वास्थ्य
विभाग जिले में कोरोना संक्रमण को समूल नष्ट करने मे जुटा हुआ है।
औद्योगिक क्षेत्रों में भी जांच शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों व
कर्मचारियों की कोरोना जांच की जा रही है, ताकि बढ़ते कोरोना संक्रमण को
रोका जा सके। पिछले दिनों औद्योगिक क्षेत्रों से कोरोना पीडि़तों की
जानकारी विभाग को मिली थी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने ये अभियान वहां शुरु
किया है। सैक्टर 10 स्थित सिविल अस्पताल व सैक्टर 31 स्थित पॉली क्लीनिक
को आम मरीजों के लिए भी खोल दिया गया है, लेकिन अन्य बीमारियों के मरीजों
की संख्या इन दोनों स्थानों पर कम ही दिखाई दे रही है। आम मरीजों का कहना
है कि इन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज भी चल रहा है। इसलिए
वे छोटी-मोटी बीमारियों के उपचार के लिए जाने में कतराने लगे हैं। कोरोना
से पूर्व यहां पर आने वाले मरीजों की संख्या हजारों में होती थी। जो अब
सिमट कर सैकड़ों में ही रह गई है। औद्योगिक प्रतिष्ठानों में भी उत्पादन
ने तेजी पकड़ ली है, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश ने औद्योगिक
प्रतिष्ठानों के समक्ष भी परेशानी पैदा कर दी है, जिससे उत्पादन भी
प्रभावित हुआ बताया जाता है। अनलॉक-3 के 21वें दिन शहर के विभिन्न
क्षेत्रों में जहां आवागमन सामान्य दिखाई दिया, वहीं हरितालिका तीज पर
महिलाएं भी आवश्यक खरीददारी करने व मेहंदी लगवाने के लिए सदर बाजार में
बड़ी संख्या में दिखाई दी। हालांकि ये महिलाएं भी फेस मास्क लगाए हुए थे।
उनका कहना है कि कोरोना के प्रकोप से स्वयं व दूसरों को बचाने के लिए फेस
मास्क लगाना जरुरी हो गया है। सभी को इसका पालन करना चाहिए।
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