गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए केंद्र
सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश सरकार
ने जिले में अनलॉक-3 की घोषणा कर दी है। जिला प्रशासन ने अधिकांश सेवाएं
बहाल कर दी हैं। शिक्षण संस्थाओं, धार्मिक स्थलों, मेट्रो व रेल गाडिय़ों
पर अभी तक प्रतिबंध लगाया हुआ है। सरकार का मानना है कि यदि इन सेवाओं को
शुरु कर दिया जाता है तो कहीं कोरोना के प्रकोप का सामना प्रदेशवासियों
को पुन: न करना पड़ जाए। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पर
जीत हासिल करने के लिए सभी यथासंभव प्रयास किए हुए हैं। इन्हीं प्रयासों
का परिणाम है कि जिले में कोरोना पीडि़तों की संख्या कम होती दिखाई दे
रही है। कोरोना पीडि़तों ने स्वस्थ होकर कोरोना को हराकर रख दिया है।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जिले में कोरोना मरीजों की मौंत के
आंकड़े अब कम हो गए हैं। यही कारण है कि अब मरीज स्वस्थ होकर कोरोना को
आसानी से मात दे रहे हैं। जून के मुकाबले जुलाई माह में कोरोना से होने
वाली मौतों में 3 गुणा तक की कमी आई है। हालांकि गुडग़ांव में गत सायं तक
124 कोरोना संक्रमण की जिले में मौंत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग का
कहना है कि इनमें 86 मरीज ऐसे थे, जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से
ग्रस्त थे। बताया जा रहा है कि इस समय पूरे जिले में केवल 5 कोरोना
पीडि़त ऐसे हैं जिनको वेंटीलेटर पर रखा गया है। जिला प्रशासन ने कोरोना
जांच शिविरों का आयोजन प्रतिदिन किया हुआ है। मानेसर के औद्योगिक क्षेत्र
से करीब 40 मरीज कोरोना से पीडि़त भी आ चुके हैं। इन क्षेत्रों में
कोरेाना जांच शिविरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। गुडग़ांव में भी
कंटेनमेंट जोन की संख्या कम हो गई है। हालांकि जिले में अब केवल 72
कंटेनमेंट जोन रह गए हैं। उधर जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी से स्वस्थ
हो चुके मरीजों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित भी किया है।
स्वास्थ्य विभाग का कहान है कि विभाग उन लोगों से संपर्क कर बताएगा कि
प्लाज्मा दान करने से दूसरे संक्रमित लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा।
विभाग ने इस ओर कार्यवाही करनी शुरु कर दी है। कोरोना वायरस महामारी के
दौरान सभी समुदायों के त्यौहार भी आए हैं। सभी समुदायों ने इन त्यौहारों
को अपने-अपने तरीकों से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मनाया भी है।
रक्षाबंधन का पर्व आज सोमवार को मनाया जाएगा। हालांकि धार्मिक स्थलों को
अनलॉक-3 में भी नहीं खोला गया है। श्रद्धालु मंदिरों, शिवालयों, आश्रम
नहीं पहुंच सकते, इसलिए वे सभी पर्वों को अपने घरों में ही मना रहे हैं।
रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व यानि कि अनलॉक-3 के दूसरे दिन शहर के मुख्य
सदर बाजार व हुडा की सैक्टर मार्किट में लोगों ने खरीददारी अवश्य की,
लेकिन महिलाओं की संख्या कम ही दिखाई दी। हालांकि रक्षाबंधन पर्व पर
महिलाएं हाथों में मेहंदी अवश्य लगवाती रही हैं, लेकिन इस बार कोरोना के
कारण महिलाएं मेहंदी लगवाने में भी परहेज करती दिखाई दे रही हैं। शहर के
विभिन्न बाजारो में मेहंदी लगाने वाले महिलाओं का इंतजार करते देखने को
मिले। उनका कहना है कि मेहंदी लगाने पर भी कोरोना का प्रभाव पड़ता दिखाई
दे रहा है। महिलाएं कम ही संख्या में मेहंदी लगवाने के लिए आ रही है।
रविवार होने के कारण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आवागमन सामान्य ही
दिखाई दिया। लापरवाह लोगों ने फेस मास्क लगाने व सामाजिक दूरी का पालन न
करने का जैसे मन ही बना लिया है। हालंाकि जिला प्रशासन ने ऐसे लापरवाह
लोगों पर कार्यवाही भी करनी शुरु की हुई है, लेकिन फिर भी ये लोग बाज आते
दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिला प्रशासन का भी कहना है कि कोरोना फिलहाल कम
अवश्य हुआ है, लेकिन पूरी तरह से गया नहीं है। इसलिए सावधानी बरतनी
आवश्यक है कि कहीं कोरोना का शिकार न हो जाएं।
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