गुडग़ांव, कोरोना के प्रकोप का सामना करने के लिए
शहरवासी भी अब तैयार हुए दिखाई देने लगे हैं। जहां अब उन्होंने कोरोना से
बचने के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है, वहीं सामाजिक
दूरी का भी वे बखूवी पालन कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन को फेस मास्क
के इस्तेमाल व सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए जागरुकता अभियान भी
चलाने शुरु किए थे। कोरोना का रिकवरी रेट भी बढक़र 83 प्रतिशत हो गया है।
जिला प्रशासन का कहना है कि पिछले सप्ताह रिकवरी रेट 77 प्रतिशत था, जो
पिछले सप्ताह के मुकाबले बेहतर रहा है। गत एक सप्ताह से जितने कोरेाना
पॉजिटिव मामले आए हैं, करीब उतने ही मामले या उससे अधिक मरीज कोरोना से
ठीक भी हुए हैं। जिला प्रशासन भी मानता है कि जून माह के दौरान कोरोना के
मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई थी, लेकिन अब जुलाई माह में जून माह
जैसी स्थिति नहीं है। जिला प्रशासन टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट स्टे्रटजी पर
काम कर रहा है। जिले में कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है,
ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान कर कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोका
जा सके। हाई रिस्क एरिया में पूरी निगरानी रखी जा रही है। 8 जोन को हाई
रिस्क घोषित किया हुआ है। इन क्षेत्रों को पूरी तरह से सील किया हुआ है।
ये क्षेत्र अधिकांशत: पुराने गुडग़ांव के अंतर्गत ही हैं। क्षेत्रों को
सील कर दिए जाने से लोगों को कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा
है। कई जगह तो जनप्रतिनिधि भी सील किए गए क्षेत्रों में ढील देने के लिए
जिला प्रशासन के अधिकारियों से उलझते भी दिखाई दे रहे हैं। जिला प्रशासन
ने स्पष्ट कर दिया है कि हाई रिस्क क्षेत्रों को बांस-बल्ली लगाकर सील
किया हुआ है। यदि कोई सील तोडऩे का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी
कार्यवाही भी की जाएगी। जिला उपायुक्त का भी मानना है कि कंटेनमेंट जोन
में सख्ती किए जाने के बाद लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,
लेकिन ये सख्ती कोरोना रोकथाम के लिए लगाई जानी जरुरी है, ताकि बेवजह
लोगों का इन क्षेत्रों में आवागमन रुक सके। फिर भी उनका कहना है कि ऐसे
क्षेत्रों की फिर से समीक्षा की जाएगा, उसके बाद भी सीलिंग हटाई जा
सकेगी। उधर स्वास्थ्य विभाग ने जिले में प्रतिदिन किए जा रहे कोरेाना के
2 हजार टेस्टों की संख्या बढ़ाकर 3 हजार कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के
पास 8 हजार एंटीजन रैपिड टेस्टिंग किट भी आ गई हैं, जिससे टेस्टों की
संख्या में और अधिक वृद्धि भी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है
कि जिले में जितनी जल्दी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान होगी, उतना
ही कोरोना का संक्रमण कम फैल सकेगा। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग
कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए यथासंभव प्रयास करने में जुटा है। उधर
अनलॉक-2 के 10वें दिन भी शहर के मुख्य सदर बाजार सहित अन्य बाजारों व
शॉपिंग मॉल्स में भी ग्राहकों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होनी
शुरु हो गई है। शहरवासी अपनी जरुरतों के अनुसार दुकानों से खरीददारी भी
करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि बढ़ती महंगाई का असर बाजार पर भी पड़ता
दिखाई देने लगा है।
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