गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से जिलेवासियों को बचाने
के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है। कोरोना पीडि़तों को किसी भी
प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रशासन ने पूरी
तैयारियां की हुई हैं। कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट के लिए भी अब लोगों को
कई-कई दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। उनकी रिपोर्ट कुछ ही घंटों
में उनको मिल रही है। हालांकि गत सप्ताह कोरोना पॉजिटिव की संख्या में एक
पखवाड़ा पूर्व की अपेक्षा काफी कमी देखने को मिली थी, लेकिन सोमवार को
कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढक़र 102 हो गई। जहां कोरोना से मरने वालों की
संख्या में भी वृद्धि हुई है। मौंत का यह आंकड़ा 90 तक पहुंच गया बताया
जा रहा है। यद्यपि 135 कोरोना पॉजिटिव स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए हैं।
यह प्रशासन के लिए राहत की बात है। उधर जिला प्रशासन ने जिन क्षेत्रो में
कोरोना पॉजिटिव की संख्या अधिक मिल रही है, उन क्षेत्रों में सख्ती बरतने
का आदेश भी संबंधित अधिकारियों को दिया है। जिला प्रशासन ने ऐसे मामलों
में 8 जोन चिन्हित किए हैं, जिनमें पुराना गुडग़ांव का मदनपुरी, अर्जुन
नगर, ज्योति पार्क, रतन गार्डन, शिवपुरी, शिवाजी नगर, शांति नगर, बलदेव
नगर, फिरोज गांधी कॉलोनी, रवि नगर, हीरा नगर, गांधीनगर, शिवाजी पार्क,
हरिनगर, शक्ति पार्क तथा डीएलएफ क्षेत्र का नाथूपुर भी शामिल है। इन
क्षेत्रों में पूरी सख्ती बरती जाएगी। आने-जाने वालों पर पूरी नजर रहेगी,
ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों को इन क्षेत्रों में रोका जा सके। इसके लिए
बेरिकेट्स आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। शहरवासियों से फेस मास्क का
इस्तेमाल करने व सामाजिक दूरी का पालन करने का भी आग्रह जिला प्रशासन
द्वारा किया जा रहा है। इन आदेशों का पालन न करने पर उनके खिलाफ जिला
प्रशासन कार्यवाही भी कर रहा है। अनलॉक वन के 29वें दिन भी शहर के
विभिन्न क्षेत्रों में वाहनों का आगमन सामान्य ही रहा। जरुरी काम के लिए
लोग अपने घरों से निकलते दिखाई दिए। मुख्य सदर बाजार में लोगों ने आवश्यक
वस्तुओं की खरीददारी की। अधिकांश लोग फेस मास्क लगाए सडक़ों पर दिखाई दिए।
जो लोग फेस मास्क नहीं लगाए हुए थे, पुलिस प्रशासन ने उन पर जुर्माना भी
लगाया। पुलिस प्रशासन का कहना है कि बिना फेस मास्क लगाए घरों से न
निकलें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें जुर्माना तो भरना ही
पड़ेेगा। उधर औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन ने गति पकड़ ली है।
एक्सपोर्ट यूनिटों में भी उत्पादन तेजी से हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान
इन कंपनियों में काम करने वाली महिलाएं अपने गृह प्रदेश नहीं गई थी।
हालांकि वे लॉकडाउन में बेरोजगार अवश्य हो गई थी, लेकिन उन्होंने हार
नहीं मानी और वे इन गारमेंट कंपनियों में कार्य कर आत्मनिर्भर होने की
दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इन महिला कारीगरों का कहना है कि लॉकडाउन के
दौरान जब सब काम बंद हो गए थे तो उन्होंने भी अपने गांव जाने का मन बना
लिया था, लेकिन इसी दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा मास्क बनाने का काम
उन्हें मिल गया, जो काफी मददगार साबित हुआ। यहीं से उन्होंने आत्मनिर्भर
बनने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरु कर दिए थे। अब कंपनियां खुल जाने पर
उन्हें पहले की भांति फिर से रोजगार मिल गया है।
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