गुडग़ांव, पंजाब एंड हरियाणा एवं प्रदेश की निचली अदालतों
में चल रहे सरकारी कर्मचारियों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए अब
प्रदेश सरकार ने अलग से ट्रिब्यूनल बनाने की घोषणा की है, यानि कि अब इन
मामलों की सुनवाई उच्च न्यायालय व अन्य अदालतों में न होकर ट्रिब्यूनल
में ही हुआ करेगी। सरकार के इस फैसले का पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल
सहित प्रदेश की सभी बार एसोसिएशनें विरोध कर रही हैं। पंजाब एंड हरियाणा
उच्च न्यायालय की बार एसोसिएशन के आह्वान पर जिला बार एसोसिएशन ने वीरवार
को जिले की सभी अदालतों में वर्क सस्पेंड रखा। अदालतों में प्रॉक्सी
अधिवक्ताओं ने मुवक्किलों की हाजिरी लगवाई और उन्हें अगली तारीख दिलवाई।
हालांकि मुवक्किल भी बड़े परेशान दिखाई दिए। जिला बार एसोसिएशन के
पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार को ट्रिब्यूनल की घोषणा को वापिस लेना
चाहिए। जिला बार के पूर्व सचिव पंडित अरुण शर्मा व पूर्व उपाध्यक्ष
जितेंद्र कौशिक का कहना है कि ट्रिब्यूनल के गठन की घोषणा करने से पूर्व
प्रदेश सरकार को उच्च न्यायालय की बार एसोसिएशन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया
तथा जिला बार एसोसिएशनों से भी संपर्क करना चाहिए था, लेकिन सरकार ने ऐसा
किया नहीं, जिसका विरोध किया जाना स्वभाविक है।
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