गुरुग्राम। बाल दिवस पर गुरुग्राम की दयानंद कालोनी के निवासी और डीएवी स्कूल में छठी कक्षा के छात्र 11 वर्षीय सुपर्ण सैनी ने मोबाइल की लत से बच्चों को बचाने का अभियान शुरू किया है। सुपर्ण ने दयानंद कालोनी स्थित किड्स कैंप स्कूल में टीचर और छोटे बच्चों को अधिक स्क्रीन टाइम के नुकसान बताएं और उनके सामने विभिन्न उदाहरण रखकर समझाया। इसके बाद सुपर्ण सैनी और उनकी टीम ने अभियान के पहले ही दिन अनेक घरों में जाकर पेरेंट्स को बच्चों के साथ में अधिक मोबाइल नहीं देने के लिए जागरूक किया। सुपर्ण टीम ने समझाया कि आजकल पेरेंट्स काम के समय बच्चों को मोबाइल देकर चुप करा देते हैं और अपने काम में लग जाते हैं। ऐसे में बच्चे घंटों तक लगातार नजदीक से मोबाइल को देखता है, जिससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बड़ा नकारात्मक असर पड़ता है। लेकिन अपने रोते बच्चों को चुप करने का अधिकांश पेरेंट्स ने यह तरीका अपनाया है, जो कि बहुत ख़तरनाक है। सुपर्ण सैनी के इस अभियान को खूब सराहा जा रहा है। हाथों में मोबाइल की लत छोड़ो- जिंदगी से नाता जोड़ो, मोबाइल सीमित रखो, जीवन को असीम बनाओ और नेट से कम नेचर से अधिक जुड़ें आदि स्लोगनों के साथ सुपर्ण टीम ने लोगों को समझाया कि मोबाइल उतना ही प्रयोग करें जितना जरूरी हो। सुपर्ण ने बताया कि ये अभियान शुरू करने के लिए बाल दिवस को चुना, क्योंकि मोबाइल और अधिक स्क्रीन लत हमारी वर्तमान और आने वाली पीढिय़ों के लिए ख़तरनाक है, इसलिए इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुडऩा चाहिए। सुपर्ण ने बताया कि उन्होंने पोस्टर और चित्रों की इस कार्य में मदद ली। उनका कहना था कि नेट नहीं नेचर से कनेक्ट हो जाओ। मोबाइल सीमित रखो जीवन असीम बनाओ। मोबाइल की लत को छोड़ो जिंदगी से नाता जोड़ो। उन्होंने कहा कि नेट और मोबाइल की एक अलग दुनिया होती है जिसमें बच्चे असली दुनिया भूल जाते हैं। 11 वर्षीय सुपर्ण ने कहा कि टेक्नोलॉजी अच्छी है अगर उसका सदुपयोग किया जाए और उसे सीमित समय में उपयोग किया जाए, वरना मोबाइल वरदान बनके आया था पर अब श्राप बनता जा रहा है। इससे हमारे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। जिससे हम दिमागी और शारीरिक स्तर में गिरते जाते है। उन्होंने कहा कि मोबाइल की लत के खिलाफ लगातार अपने अभियान को व्यापक रूप देंगे। किड्स कैंप स्कूल की टीचर रजनी धीमान, लक्ष्मी गौतम, संजना और सुपर्ण टीम के मोहित, रोहित, धुव्र और निशांत, प्रियांशु आदि भी इस अभियान में आज शामिल हुए।
सुपर्ण ने बाल दिवस पर नन्हें बच्चों को बताये अधिक स्क्रीन टाइम के नुकसान

