गुडग़ांव, मानव अपने स्वार्थ की खातिर प्रकृति के साथ
खिलवाड़ करता आ रहा है। इसी के कारण जहां विभिन्न प्रकार की कोरोना जैसी
बीमारियां विश्व को अपनी चपेट में ले रही हैं, वहीं भूकंप, बाढ़ आदि
घटनाएं भी घटित हो रही हैं और इनका सीधा प्रभाव आम जन पर ही पड़ता है। यह
कहना है भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट
का। जो उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने आवास में पौधारोपण करते हुए
कही। उनका कहना है कि देशवासियों का जीवन बचाने के लिए पिछले 2 माह से
लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान शुद्ध हवा व नदियो में निर्मल जल देखा गया
है। यह कई दशकों बाद देखने को मिला है। प्रकृति ने हमें नदियां, पर्वत,
वन, जंगल, पृथ्वी, समुद्र के अलावा बहुत से ऐसे जीव-जंतु दिए हैं जो
पर्यावरण को बचाने के लिए सहायक सिद्ध हो रहे हैं, लेकिन मानव ने अपने
स्वार्थ के लिए अवैध रुप से वृक्षों व पहाड़ों की कटाई, नदियों में गंदा
पानी छोडक़र उन्हें दृषित करने का सिलसिला जारी है। नदियां गंदी हो गई
हैं। इसी कारण से आज कोरोना वायरस जैसी भयंकर बीमारी का पूरे विश्व को
सामना करना पड़ रहा है। जंगलों का सफाया किया जा रहा है। नदी-नालों व
जोहड़-तालाबों का अस्तित्व ही खत्म करने में लोग जुटे हैं। उनका कहना है
कि हर इंसान की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह प्रकृति को बचाने के लिए आगे
आए। लॉकडाउन से भी हम सभी को सबक लेने की जरुरत है कि इस दौरान प्रदूषण
बिलकुल ही खत्म हो गया था, लेकिन अब फिर से बढऩा शुरु हो गया है।
उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि पर्यावरण को संतुलित करने के लिए ठोस
कदम उठाए जाएं।
Comment here