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संकष्ट्री गणेश चतुर्थी का व्रत रख श्रद्धालुओं ने की भगवान गणेश की पूजा-अर्चना

गुरूग्राम, सनातन परंपरा में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य
देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के पहले तथा किसी भी पूजन में
सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। भाद्रपद मास विशेष रूप से
गणेश पूजन के लिए समर्पित माह है। बुधवार को श्रद्धालुओं ने इस माह की
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर गजानन की पूरे विधि-विधान के अनुसार
पूजा-अर्चना की। ज्योतिषाचार्य डा. पंडित मनोज शर्मा का कहना है कि
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट और
संकट दूर होते हैं तथा शुभ – लाभ की प्राप्ति होती है। उनका कहना है कि
गणेश जी का जन्म चतुर्थी तिथि के दिन हुआ था इसलिए चतुर्थी तिथि भगवान
गणेश को विशेष रूप से प्रिय है। कृष्ण पक्ष में पडऩे वाली चतुर्थी तिथि
को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली चतुर्थी को विनायक
चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। बुधवार की प्रात: श्रद्धालु स्नानादि कर
भगवान गणेश की पूजा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों स्थित मंदिरो में
पहुंचे और भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर उन्होंने अपने परिवार व
देशवासियों की सुख-समृद्धि व कोरोना महामारी से निजात दिलाने की कामना भी
की। श्रद्धालुओं ने जहां भगवान गणेश की प्रतिमा को तिलक लगाया, वहीं धूप,
दीपक व फल-फूल अर्पित किए। उनके प्रिय मोदक का भोग भी  लगाया गया।
श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश की आरती भी की।

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