गुडग़ांव, मारुति सुजूकी मजदूर संघ की यूनियनों ने
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शनिवार को मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर
जिला प्रशासन को वर्ष 2012 की 18 जुलाई को आईएमटी मानेसर स्थित मारुति
सुजूकी में घटित हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारी
को ज्ञापन भी सौंपा। संघ के अध्यक्ष कुलदीप जांघू का कहना है कि मानेसर
के मारुति सुजूकी प्लांट में जो अप्रिय घटना घटित हुई थी, प्रबंधन ने
इसकी सारी जिम्मेदारी मजदूरों पर ही डाल दी थी। 150 मजदूरों को कई माह
तक जेल में रहना पड़ा था। इतना ही नहीं प्रबंधन ने 546 स्थायी व 1800
ठेकेदार के श्रमिकों को भी नौकरी से निकाल दिया था। ये श्रमिक आज भी अपनी
नौकरी की बहाली की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक भी न्याय
नहीं मिल सका है। 13 श्रमिक आज भी जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट
रहे हैं। इस बारे में प्रदेश सरकार से मारुति सुजूकी संघ गुहार लगाता आ
रहा है कि श्रमिकों को न्याय दिलाया जाए लेकिन उनकी गुहार पर कोई ध्यान
आज तक भी नहीं दिया गया है। श्रमिक नेता अजमेर सिंह का कहना है कि
उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश सरकार से मांग की है कि औद्योगिक
क्षेत्रों में श्रमिक शांति बनाए रखने के लिए मजदूर संघ से वार्ता कर
समस्या का समाधान कराया जाए। इस प्रदर्शन में श्रमिक नेता दौलतराम, अमित
शर्मा, नीरज सैनी, कुलदीप सिंह काला, नरेश मोर, सुभाष शर्मा, अतुल, अजीत,
राम निवास, खुशीराम आदि भी शामिल रहे।
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