गुरुग्राम वर्ष 2020 के समाप्त होते-होते प्रदेश सरकार
ने मानेसर नगर निगम की घोषणा कर ही दी। गुरुग्राम जिला प्रदेश में
औद्योगिक हब के नाम से जाना जाता है और इसे प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी
कहा जाता है। प्रदेश के पूरे राजस्व का आधे से अधिक हिस्से का योगदान
गुडग़ांव का ही होता है। आईएमटी मानेसर स्थित औद्योगिक क्षेत्र गुडग़ांव का
सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध कई
कंपनियों के प्लांट भी स्थित हैं, जिनमें मारुति सुजूकी, होण्डा मोटर्स व
इन प्रतिष्ठानों को कलपुर्जे उपलब्ध कराने वाले ज्वाईंट वैंचर्स भी बड़ी
संख्या में स्थित हैं। इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को लेकर उद्यमी
आवाज उठाते रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने उद्यमियों व क्षेत्रवासियों की
भावनाओं का आदर करते हुए इस क्षेत्र के विकास के लिए नगर निगम के गठन की
घोषणा भी कर दी है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले जिले के
मानेसर को प्रदेश का 11वां नगर निगम बना दिया है। बताया जाता है कि नगर
निगम में आस-पास के क्षेत्रों के 29 गांवों को भी शामिल किया गया है,
जिससे इन गांवों में विकास कार्य कराने के रास्ते भी खुल गए हैं।
भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार मानेसर को नगर निगम घोषित किए जाने से काफी
उत्साहित है। जानकारों का कहना है कि सबसे पहले प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री भजनलाल ने फरीदाबाद को प्रदेश का पहला नगर निगम बनाया था।
इसके बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने गुडग़ांव
को प्रदेश का दूसरा नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। हुड्डा सरकार ने ही
अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश के 7 शहरों पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर,
करनाल, पानीपत, रोहतक व हिसार को नगर निगम का दर्जा दिया था। वर्तमान
सरकार पंचकूला निगम से कालका व पिंजौर को बाहर कर चुकी है। कालका को अलग
से नगर परिषद का दर्जा दिया जा चुका है। जानकारों का कहना है कि 29
गांवों को शामिल करने के बाद ही मानेसर नगर निगम निश्चित की हुई आबादी के
मापदंडों को पूरा करेगा। मानेसर के नगर निगम घोषित हो जाने से उद्यमियों
से लेकर क्षेत्रवासी भी काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। नगर निगम की
घोषणा होते ही नगर निगम के मेयर की सुगबुगाहट भी शुरु हो चुकी है। प्रदेश
सरकार ने मानेसर नगर निगम के आयुक्त की जिम्मेदारी गुरुग्राम नगर निगम के
आयुक्त विनय प्रताप सिंह को अतिरिक्त रुप में दी है। उनके पास अन्य कई
जिम्मेदारियां भी पहले से ही हैं। बताया जाता है कि मानेसर नगर निगम में
शामिल होने के लिए 29 गांवों के अलावा अन्य गांव की पंचायतें भी शामिल
होने के लिए जुगाड़ में लग गई हैं, ताकि नगर निगम बनने का लाभ इन गांवों
को भी मिल सके। उन्होंने क्षेत्र के विधायक से संपर्क करना भी शुरु कर
दिया है। जानकारों का कहना है कि संभवत: इन ग्राम पंचायतों को भी नगर
निगम के चुनाव से पूर्व निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया जाए। राजनीति के
क्षेत्र में रुचि रखने वाले क्षेत्रवासियों ने नगर निगम के मेयर व निगम
पार्षद का चुनाव लडऩे के लिए प्रयास भी शुरु कर दिए हैं और वे अपने
अनुसार वार्डबंदी कराने की जुगत में भी लग गए बताए जाते हैं। इन 29
गांवों में आजकल चुनाव को लेकर ही चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्षेत्रवासी
क्षेत्र के विधायक सत्यप्रकाश जरावता के प्रयासों की सराहना करते नहीं थक
रहे हैं। उन्हीं के प्रयासों से मानेसर नगर निगम बन पाया है।
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