गुडग़ांव, किसानों के सर्वमान्य नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने
किसानों की मांगों को लेकर जीवनपर्यंत संघर्ष किया था। वे किसानों की
मांगों को प्राथमिकता देते थे और उनका समाधान कराने के लिए भी प्रयासरत
थे। भले ही इन मांगों को मनवाने के लिए उन्हें बड़ा आंदोलन क्यों न करना
पड़ा हो। उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही देश के किसानों का भला हो सकता
है। यह कहना है राजनीतिक विश£ेषक अमित नेहरा का, जो उन्होंने शनिवार को
किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर व्यक्त किए। उनका कहना है
कि टिकैत कोई मामूली किसान नहीं थे। उन्हें पश्चिम उत्तरप्रदेश के अपने
समय के धाकड़ किसान नेताओं के रुप में जाना जाता है। उन्होंने
उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को भी किसान सभा
में आने के लिए बाध्य कर दिया था। वह बालियान खाप के चौधरी भी रहे।
महेंद्र सिंह टिकैत ने कभी भी परिस्थितियों से समझौता नहीं किया।
उन्होंने राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक को किसानों की विभिन्न
मांगें मानने के लिए बाध्य कर दिया था। उन जैसा किसान नेता अन्य कोई
मुश्किल ही दिखाई देता है। उन्होंने किसान संगठन को सदैव राजनीति से दूर
रखा। टिकैत ऐसे बड़े किसान नेता थे, जो नेता के रुप में स्थापित होने के
बाद भी अपने खेतों में खुद किसानी करते रहे। वे अक्सर खेतों में गन्ना
काटते व निराई-गुड़ाई करते दिखाई दिया करते थे। उन्होंने सदैव किसानों के
हितों में ही आंदोलन किए और उनकी मांगों को पूरा भी कराया। अन्य किसान
नेताओं को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। महेंद्र सिंह टिकैत आज भी किसानों
के आदर्श हैं।
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