गुडग़ांव,
कोरोना वायरस के चलते धार्मिक स्थलों के द्वार भी
पिछले अढ़ाई महीने से बंद पड़े हैं। धार्मिक स्थलों में आस्था रखने वाले
श्रद्धालु बड़े बैचेन दिखाई दे रहे हैं, जिनके दिन की शुरुआत व दिन का
समापन धार्मिक स्थलों में जाकर मत्था टेकने से होता था वे सभी निराश हैं।
लेकिन मजबूरी है कि कोरोना से जंग तो लडऩी है ही। अब ये श्रद्धालु भी
मांग करने लगे हैं कि चौथे चरण का लॉकडाउन खत्म होने जा रहा है। जब सभी
व्यापारिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को खोलने की इजाजत दे दी है तो
धार्मिक स्थलों को भी समुचित शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दी जाए।
धाम्र्रिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा
एडवोकेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि चौथे चरण का
लॉकडाउन समाप्ति की ओर है। चार धाम के कपाट भी खोले जा चुके हैं, लेकिन
देश के सभी प्रदेशों के धार्मिक स्थलों के खुलने पर जो पाबंदी लगाई हुई
है, उसे हटा देना चाहिए ताकि धार्मिक प्रवृति के लोग अपनी आस्था के
अनुसार इन स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना कर सकें। क्योंकि धार्मिक स्थलों
में पूजा-पाठ कराने वाले पुजारियों, स्थलों के बाहर फल-फूल, प्रसाद आदि
की बिक्री करने वाले छोटे दुकानदार लॉकडाउन के चलते परेशान हो गए हैं और
उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया है। इन धार्मिक स्थलों को
खोलने के लिए सरकार को कुछ दिशा-निर्देश भी जारी कर देने चाहिए, ताकि
मंदिर में जाने वाले लोग इनका पालन कर सकें और उनका कोरोना से बचाव भी हो
सके। उनका कहना है कि वयोवृद्ध ऐसे बहुत से श्रद्धालु हैं जो
देवी-देवताओं के दर्शन मात्र से ही उन्हें शांति की प्राप्ति हो जाती है।
प्रधानमंत्री को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं की ईश्वर में
धार्मिक आस्था बनी रहे।
Comment here