गुडग़ांव,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी 22
मार्च रविवार को घोषित जनता कफ्र्यू कोरोना वायरस के विरुद्ध एक अत्यंत
ही सूझबूझ भरा वैज्ञानिक और आद्यात्मिक कदम है। उनके इस कदम को सभी को
पूरे उत्साह के साथ अपनाना चाहिए तो इसके अविश्वनीय परिणाम शीघ्र ही
सामने आएंगे। उक्त बात कथावाचक डा. मनोज शर्मा ने जनहित में लोगों को
कोरोना वायरस के प्रति जागरुक करने के लिए कही। उन्होंने कहा कि कोरोना
वायरस की उम्र अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग होती है। यह वायरस
विभिन्न परिस्थितियों में 3 से 72 घंटे तक सक्रिय रह सकता है। यानि कि
उसकी उम्र इतनी ही है। वो भी अधिकतम 72 घंटे तक, लेकिन अधिकांशत: यह 36
घंटे में ही समाप्त हो जाता है। उनका कहना है कि यदि सरकार पूरे देश को
क्वारेंटाइन करना चाहे या आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करना चाहे तो यह
बिल्कुल भी संभव नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री और उनके सलाहकारों ने बड़ी
ही सूझबूझ से रविवार का दिन चुना। इस दिन सभी देशवासियों को घर पर रोक
पाना आसान है। डा. मनोज ने और स्पष्ट करते हुए कहा कि जब हमें रविवार की
सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक जनता कफ्र्यू के रुप में घर पर रहने के
लिए कहा गया है तो स्पष्ट है कि पूरे देशवासियों को 36 घंटे तक
क्वारेंटाइन में रहने के लिए समझदारी से आग्रह किया गया है। क्योंकि हम
सब 21 मार्च की सायं या रात से अपने घर आ जाएंगे और पूरी रात घर पर ही
रहते हैं तो जाहिर सी बात है कि फिर अगले दिन प्रात: 7 बजे से रात के 9
बजे तक 22 मार्च को जनता कफ्र्यू की वजह से घर पर रहेंगे और उसके बाद घर
पर ही रह सो जाएंगे तो 23 मार्च सुबह जागकर उठेंगे, तब तक 36 घंटे हो
चुके होंगे। यानि कि कोरोना वायरस अगर कहीं है तो उसे 36 घंटे के
क्वारेंटाइन या आइसोलेशन वार्ड जैसी स्थिति के चलते पनपने का माध्यम नहीं
मिलेगा और वो लगभगत समाप्त होने की स्थिति में पहुंच जाएगा तथा इस प्रकार
से पूरा देश एक वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से कोरोना को हरा सकने की
सशक्त स्थिति में आ जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के ताली या थाली बजाने
को लेकर कहा कि यह एक आद्यात्मिक प्रयोग तो है ही जिसके माध्यम से
प्राणाकर्षण करके कोरोना से लडऩे वालों को सशक्त व संबल बनाया जा सकेगा।
इसे लॉ ऑफ अट्रेक्शन भी कहा जाता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि
प्रधानमंत्री की इस योजना व आग्रह को समझने और क्रियान्वन करने की बड़ी
जरुरत है।
up_css:””,plugins:””,document_base_url:i,add_form_submit_trigger:!0,submit_patch:!0,add_unload_trigger:!0,convert_urls:!0,relative_urls:!0,remove_script_host:!0,object_resizing:!0,doctype:””,visual:!0,font_size_style_values:”xx-small,x-small,small,medium,large,x-large,xx-large”,font_size_legacy_values:”xx-small,small,medium,large,x-large,xx-large,300%”,forced_root_block:”p”,hidden_input:!0,render_ui:!0,indentation:”40px”,inline_styles:!0,convert_fonts_to_spans:!0,indent:”simple”,indent_before:”p,h1,h2,h3,h4,h5,h6,blockquote,div,title,style,pre,script,td,th,ul,ol,li,dl,dt,dd,area,table,thead,tfoot,tbody,tr,section,summary,article,hgroup,aside,figure,figcaption,option,optgroup,datalist”,indent_after:”p,h1,h2,h3,h4,h5,h6,blockquote,div,title,style,pre,script,td,th,ul,ol,li,dl,dt,dd,area,table,thead,tfoot,tbody,tr,section,summary,article,hgroup,aside,figure,figcaption,option,optgroup,datalist”,entity_encoding:”named”,url_converter:(s=r).convertURL,url_converter_scope:s,ie7_compat:!0},t=Hp(Lp,c,a,u),l.settings=t,Pi.language=t.language||”en”,Pi.languageLoad=t.language_load,Pi.baseURL=n.baseURL,l.id=e,l.setDirty(!1),l.plugins={},l.documentBaseURI=new zw(t.document_base_url,{base_uri:d}),l.baseURI=d,l.contentCSS=[],l.contentStyles=[],l.shortcuts=new Gp(l),l.loadedCSS={},l.editorCommands=new dp(l),l.suffix=n.suffix,l.editorManager=n,l.inline=t.inline,l.buttons={},l.menuItems={},t.cache_suffix&&(ge.cacheSuffix=t.cache_suffix.replace(/^[\?\&]+/,””)),!1===t.over�
Comment here