गुडग़ांव, पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से सब्जी व फलों के
दामों में वृद्धि होती जा रही है, जिससे महंगाई बढ़ती जा रही है। इस
महंगाई की मार के कारण टमाटर 80 के पार पहुंच गया है, जिससे गृहणियों की
रसोई का बजट बिगड़ता दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी झेल
रहे लोगों को अब महंगाई की मार का सामना भी करना पड़ रहा है। पिछले एक
सप्ताह से सब्जियों के दाम लगभग दोगुने होकर आसमान छूने लगे हैं। इस
महंगाई का सबसे अधिक असर टमाटर पर पड़ता दिखाई दे रहा है। 20-25 रुपए
प्रतिकिलो बिकने वाला टमाटर अब 70-80 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है।
आढ़तियों का भी कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि हो जाने से
ट्रांसपोर्ट का खर्चा भी बढ़ गया है, जिसका सीधा असर सब्जी और फलों के
दामों पर पड़ रहा है। उनका ये भी कहना है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों
में टमाटर की फसल खत्म हो चुकी है। अब दूसरे प्रदेशों से ही टमाटर लाना
पड़ रहा है, जिसका सीधा असर आम लोगों पर ही महंगाई के रुप में पड़ता
दिखाई दे रहा है। हालांकि गर्मियों के दिनों में सब्जी व फलों दामों में
तेजी अवश्य आ जाती है, लेकिन इस बार यह तेजी पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से
हुई बताई जा रही है। इस बढ़ती महगाई ने गृहणियों की रसोई भी महंगी कर दी
है। अब वे एक पाव टमाटर ही खरीदती दिखाई दे रही हैं। ट्रांसपोर्टरों का
कहना है कि जब पेट्रोल डीजल महंगा होगा तो उन्हें भी माल का भाड़ा बढ़ाना
पड़ेगा, जो उनकी मजबूरी है। उधर प्रवासी श्रमिकों की कमी का सामना
आढ़तियों को भी करना पड़ रहा है। अधिक दिहाड़ी पर मजदूर रखने पड़ रहे
हैं।
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