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परिस्थितियां हैं परिवर्तनशील मनोस्थिति को मजबूत करें तो कोरेाना से जीती जा सकती है जंग : बीके शिवानी

गुडग़ांव, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मन भी ठीक रहना
चाहिए। मन का प्रभाव शरीर पर पड़ता है। यदि मन शक्तिशाली है तो कोरोना
जैसी महामारी के प्रकोप का आसानी से सामना किया जा सकता है। यह कहना है
धार्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज की मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी का, जो
उन्होंने संस्था द्वारा ऑनलाइन आयोजित बेविनार में कही। उनका कहना है कि
मन को शांत रखें, तनाव न लें। चिकित्सक मरीज का उपचार करने के लिए अच्छी
से अच्छी औषधि तो दे सकता है, लेकिन इन औषधियों का असर मरीज पर तभी होगा
यदि उसकी मनोदशा ठीक होगी और मनोदशा ठीक रखने के लिए सकारात्मकता जरुरी
है। नकारात्मकता को अपने जीवन से बिल्कुल ही निकालना होगा। उनका ये भी
कहना है कि मरीज की देखभाल करने वाले परिजनों को भी मन की स्थिति ठीक
रखनी होगी, ताकि मरीज शीघ्र ठीक हो सके। इसी प्रकार चिकित्सकों की
मनोस्थिति का असर भी मरीज पर पड़ता है। मनोस्थिति शक्तिशाली होगी तो
उपचार भी ठीक होगा। मनोस्थिति में थोड़ी भी कमी आती है तो मरीज को स्वस्थ
होने में काफी समय लग जाएगा। परिस्थितियां परिवर्तनशील हैं, जो आज
परिस्थिति है वह कल नहीं होगी। परिस्थितियों का सामना करना चाहिए और यह
तभी संभव होगा, जब हमारी मनोस्थिति ठीक होगी। कोरोना के प्रकोप से बचाने
के लिए सरकार ने काफी कुछ किया हुआ है। यदि नियमित रुप से मेडिटेशन किया
जाए और आद्यात्मिकता की ओर ध्यान लगाया जाए तथा मनोस्थिति मजबूत की जाए
तो कोरोना से जंग लड़ी जा सकती है। जीवन में सकारात्मकता को ही महत्व
दिया जाना चाहिए, जिससे सब परेशानियां दूर हो जाएंगी।

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