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परिवार न्यायालय ने धोखे से लिया गया तलाक किया खारिज न्यायालय ने पुलिस को मामले की जांच कर कार्यवाही करने के दिए आदेश

गुडग़ांव, कोरेाना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन चल रहा है।
हालांकि जिला अदालतें बंद हैं, लेकिन अति आवश्यक कार्यों के लिए कुछ
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालतों
की व्यवस्था भी की हुई है। जिले की परिवार न्यायालय की न्यायाधीश ने एक
युवती की याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवार न्यायालय द्वारा पूर्व में
दिए गए तलाक को खारिज करते हुए पीडि़ता को बड़ी राहत दी है। परिवार
न्यायालय ने पूर्व में जो फैसला दिया था, वह दूसरे पक्ष ने अदालत को
गुमराह कर गलत दस्तावेज न्यायालय में पेश किए थे। अब न्यायालय ने संबंधित
थाना पुलिस को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में जांच कर आरोपियों के
खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। समाज की असहाय महिलाओं को न्याय दिलाने में
प्रयासरत सामाजिक संस्था फरिश्ते गु्रप के चेयरमैन पंकज वर्मा का कहना है
कि पीडि़त युवती के मामले की पैरवी डा. अंजूरावत नेगी ने की है, जिससे
उसे न्याय मिल सका है। डा. नेगी का कहना है कि युवती ने वर्ष 2014 की 6
नवम्बर को सैक्टर 18 के हरजीत सिंह नामक युवक से आर्य समाज में विवाह
किया था। विवाह के बाद हरजीत अपनी पत्नी को गुडग़ांव में ही छोडक़र अपने
परिजनों की मदद से न्यूजीलेंड चला गया था और अपनी पत्नी से सभी संबंध
तोड़ दिए थे। उसे धमकी भी दी गई थी कि यदि उसने कोई कार्यवाही की तो उसके
आपत्तिजनक फोटो व वीडियो को वह सार्वजनिक कर देगा। पीडि़त पत्नी ने वर्ष
2015 की 18 जून को अपने पति के खिलाफ गुडग़ांव के सैक्टर 18 पुलिस थाना
में अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ उत्पीडऩ का मामला दर्ज करा दिया
था। अधिवक्ता का कहना है कि परिजनों ने पीडि़़ता पर दबाव बनाकर समझौता भी
करा लिया था और हरजीत ने अपने परिजनों के माध्यम से परिवार न्यायालय में
आपसी सहमति से तलाक का दावा डलवा दिया था। इस बीच हरजीत गुडग़ांव आया और
उसने न्यायालय से आपसी सहमति से अपनी पत्नी से तलाक भी ले लिया। उसने
अपनी पत्नी के प्लाट को भी गिरवी रखवाकर उससे प्राप्त धनराशि को लेकर
वापिस न्यूजीलेंड चला गया था। वह पत्नी को ब्लैकमेल करता रहा। पीडि़ता
संस्था के संपर्क में आई तो उसका मामला परिवार न्यायालय में दायर किया
गया। पूर्व में न्यायालय द्वारा दिए गए तलाक को न्यायालय में चुनौती दी
गई। न्यायालय ने पीडि़ता को तत्काल राहत देते हुए आदेश दिए थे कि दोनों
में कोई भी पुन: विवाह नहीं करेगा। पीडि़ता की परेशानियां यहीं खत्म नहीं
हुई। उसने अपनी पत्नी की फोटो पोर्न साईट पर अपलोड कर दी। पीडि़ता ने
उसके खिलाफ गुडग़ांव साईबर सैल में मामला दर्ज करा दिया था। इसी बीच हरजीत
न्यूजीलेंड से भारत आया तो उसे पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार
कर लिया था। अभी भी इस मामले में हरजीत व उसके पिता दोनों जमानत पर हैं।
अधिवक्ता का कहना है कि हरजीत और उसके पिता ने न्यायालय में जानबूझकर
शादी की गलत तारीख बताई थी और तथ्यों को अदालत से छिपाकर अपराध किया था।
अब पीडि़त पत्नी को न्यायालय से न्याय मिल गया है और इस मामले की पूरी
जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश सैक्टर 18 थाना पुलिस
को दे दिए हैं।

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