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नगर निगम क्षेत्र में शामिल किए गए 16 नए गांवों के ग्रामीणों को है नहरी पेयजल का इंतजार

गुडग़ांव, नगर निगम का दायरा बजघेड़ा गांव से लेकर भौंडसी
गांव तक हो चुका है। पुराने व नए शहर के विभिन्न सैक्टरों व कालोनियों तक
तो नहरी पेयजल पहुंच चुका है, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में शामिल किए गए
नए 16 गांवों में पेयजल की किल्लत बनी हुई है। लोग बड़ी ही बेसब्री से
नहरी पेयजल का इंतजार अपने गांवों में कर रहे हैं। गर्मी के दिनों में
पेयजल की वैसे भी किल्लत हो जाती है। जिन क्षेत्रों मे नहरी पानी उपलब्ध
कराया जा रहा है, वहां पर भी कुछ क्षेत्रों में किल्लत बनी हुई है।
हालांकि अधिकारी आश्वस्त करते रहे हैं कि इन क्षेत्रों में भी पेयजल
आपूर्ति की व्यवस्था के लिए लाईन आदि बिछाने का कार्य किया जा रहा है,
ताकि इन नए गांवों के ग्रामीणों को भी नहरी पानी पेयजल के रुप में उपलब्ध
कराया जा सके। नगर निगम ने जिले के 16 गांव बजघेड़ा, दौलताबाद,
मोहम्मदहेडी, धनकोट, उल्लाहवास, बेहरामपुर, भौंडसी, बाबूपुर, कादरपुर,
धर्मपुर, खेडक़ीमाजरा, पलड़ा, नंगली उमरपुर, धूमसपुर, नयागांव व मैदावास
को वर्ष 2020 के दिसम्बर माह में शामिल किया गया था। इनमें से अधिकांश
गांवों तक नहरी पानी नहीं पहुंच सका है। इन क्षेत्रों में लगे बोरबेल भी
सूखने लगे हैं और भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता ही जा रहा है। इन गांवों
के अलावा नगर निगम क्षेत्र के कुछ गांव अभी भी ऐसे हैं, जिनमें पूरी
क्षमता के साथ नहरी पानी नहीं पहुंचा है। शहरी व आस-पास के क्षेत्रों में
करीब 600 बोरबेल चल रहे हैं। हालांकि नगर निगम इन क्षेत्रों में नहरी
पानी की आपूर्ति कराकर बोरबेल को बंद करने का निर्णय ले चुकी है, ताकि
गिरते भूजल स्तर को रोका जा सके। नगर निगम इन क्षेत्रों में वाटर पाईप
लाईन का नेटवर्क बिछाना होगा, ताकि इन ग्रामीणों को पेयजल मिल सके।
जानकारों का कहना है कि मुख्य पेयजल लाईनें जीएमडीए के अधीन हैं। सभी
गांवों तक नहरी पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाईनें बिछानी होंगी। हालांकि
अधिकारियों का कहना है कि कई गांवों में बूस्टिंग स्टेशन तैयार हो चुके
हैं और अन्य गांवों में यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। ग्रामीणों को
नहरी पेयजल की काफी समय से इंतजार है। न जाने उनका इंतजार कब खत्म  होगा।

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