NCRअर्थव्यवस्थादेशबिज़नेसराज्य

तीसरे चरण के लॉकडाउन का 9वां दिन मारुति सुजूकी के मानेसर प्लांट में वाहनों का उत्पादन हुआ शुरु उत्पादन धीरे-धीरे पकड़ेगा गति दिल्ली सीमाएं सील होने से प्रतिष्ठानों में नहीं पहुंच पा रहे हैं श्रमिक, उद्यमी हैं परेशान

गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रदेशवासियों को
बचाने के लिए तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा है। इस तीसरे चरण के लॉकडाउन
के 9वें दिन शहर की अधिकांश सडक़ों पर वाहन कम ही दिखाई दिए। हालांकि जिला
प्रशासन ने प्रात: 7 बजे से लेकर सायं 7 बजे तक जिले में आवागमन करने पर
राहत दी हुई है, लेकिन फिर भी वे लोग घरों से निकल रहे हैं जिनको कोई
जरुरी काम हो। पुलिस भी बीच-बीच में वाहनों की जांच करती रहती है कि कोई
बेवजह की सडक़ों पर वाहन लेकर न निकल गया हो। जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या
में औद्योगिक प्रतिष्ठानों को कुछ शर्तों के साथ प्रतिष्ठानों में काम
करने की अनुमति दी हुई है, लेकिन दिल्ली सीमा सील होने के कारण
प्रतिष्ठानों में दिल्ली में रह रहे श्रमिक व कर्मचारी काम पर नहीं आ पा
रहे हैं। ऐसे में इन प्रतिष्ठानों में उत्पादन शुरु नहीं हो पा रहा है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र की अग्रणी मारुति सुजूकी के आईएमटी मानेसर स्थित
प्लांट में मंगलवार से उत्पादन शुरु हो गया है। गुडग़ांव प्लांट की मारुति
कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू का कहना है कि मानेसर वाले प्लांट
में वाहनों का उत्पादन शुरु हो गया है। मंगलवार को उत्पादन कम ही रहा।
करीब 20-25 वाहनों का ही उत्पादन हुआ। उनका मानना है कि उत्पादन
धीरे-धीरे गति पकड़ लेगा और आने वाले दिनों में उत्पादन संतोषजनक हो
जाएगा। प्रतिष्ठान में जनरल शिफ्ट में ही वाहनों का उत्पादन शुरु किया
गया है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला प्रशासन के निर्देशों का पूरा
पालन कराया जा रहा है। जांघू का कहना है कि अभी कुछ श्रमिक लॉकडाउन के
चलते काम पर नहीं लौटे हैं। उनके आने का सिलसिला जारी है। सभी को सूचित
कर दिया गया है। गुडग़ांव प्लांट में उत्पादन के अगले सप्ताह शुरु होने की
उम्मीद जताई जा रही है। गुडग़ांव वाले प्लांट में मेंटीनेंस व उत्पादन से
पूर्व की तैयारियां श्रमिक कर रहे हैं ताकि उत्पादन शुरु होने पर किसी
प्रकार का कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। जिला प्रशासन ने जिन प्रतिष्ठानों
को काम करने की अनुमति दी हुई है, उन प्रतिष्ठानों में लॉकडाउन के कारण
श्रमिक व कर्मचारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उनके लिए काम शुरु
करना बड़ा मुश्किल हो गया है। उनका मानना है कि श्रमिकों की कमी के चलते
यदि उत्पादन शुरु किया जाता है तो उसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना
पड़ेगा। दिल्ली सीमाएं सील हो जाने के कारण उद्योग विहार स्थित
प्रतिष्ठानों पर बुरा असर पड़ा है। क्योंकि इन प्रतिष्ठानों में काम करने
वाले श्रमिक अधिकांशत: दिल्ली सीमा से लगते कापाहेड़ा, समालखा व नजफगढ़
आदि क्षेत्रों से आते हैं। सीमाओं पर सख्ती होने के कारण वे नहीं पहुंच
पा रहे हैं। उधर शहरी क्षेत्र का सदर बाजार अभी भी आवश्यक वस्तुओं की
दुकानों को छोडक़र बंद है। इस अति व्यस्त बाजार में सदैव खरीददारों की
भीड़ लगी रहती थी। अब बाजार सुनसान नजर आता है। शहरी क्षेत्र की जो
दुकानें खुली रखने के आदेश जिला प्रशासन ने दिए हुए हैं, उनको भी सायं 5
बजे बंद करा दिया जाता है। जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हुए हैं कि
सायं 7 बजे से प्रात: 7 बजे तक शहरी क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से
बाधित रखा जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन कार्यवाही भी
करेगा। इसलिए रात्रि में आवश्यक कार्यों को छोडक़र कोई भी बाहर निकलने का
साहस नहीं दिखा पा रहा है।

Comment here