गुडग़ांव, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम
शहीद बल्लभगढ़ रियासत के राजा नाहर सिंह तेवतिया की जयंती का आयोजन जाट
कल्याण सभा द्वारा किया गया। उनके चित्र पर संस्था के सदस्यों ने
श्रद्धासुमन अर्पित किए। सभा के अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि
कोरोना वायरस के चलते राजा नाहर सिंह जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन नहीं
किया जा सका, लेकिन पदाधिकारियों ने उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन
अर्पित किए। राजा नाहर सिंह का जन्म वर्ष 1821 की 6 अप्रैल को हुआ था। वह
बल्लभगढ़ रियासत के राजा थे। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में
उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। राजा नाहर सिंह कहा
करते थे कि वह ब्रिटिश साम्राज्य से कुछ मांगकर अपना स्वाभिमान नहीं खोना
चाहते हैं। उन्होंने देशवासियों में स्वतंत्रता की चिंगारी भरते हुए कहा
भी था कि वह अपने देशवासियों से चाहते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम की इस
चिंगारी को वे बुझने न दें। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से ही देश को आजाद
कराने की क्रांति शुरु हुई थी। नाहर सिंह जैसे असंख्य शहीदों के कारण ही
देश आजाद हो सका है।
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