गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए लॉकडाउन
चल रहा है। अधिकांश लोग घरों में रहकर ही कोरोना से
बचाव का प्रयास कर
रहे हैं। सभी शिक्षण संस्थाएं भी बंद हैं। छात्रों
को ऑनलाइन शिक्षा देने
के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने
औद्योगिक व व्यापारिक
प्रतिष्ठानों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति
भी दी हुई है, लेकिन
इन प्रतिष्ठानों में श्रमिकों व कर्मचारियों की भारी
कमी महसूस की जा रही
है। क्योंकि अधिकांश प्रवासी श्रमिक अपने गृह प्रदेश
वापिस चले गए हैं।
चौथे चरण के लॉकडाउन के 9वें दिन शहरी क्षेत्र में
आवागमन कम ही दिखाई
दिया। हालांकि शहर का मुख्य सदर बाजार श्रेणीवार प्रतिष्ठानों
के अनुसार
खुला हुआ है। उधर गर्मी ने भी प्रचंड रुप धारण किया
हुआ है। साईबर सिटी
का पारा मंगलवार को 45 डिग्री सेल्सियस बताया गया है।
बढ़ती गर्मी के
कारण भी शहर के विभिन्न बाजारों में शहरवासियों का
आवागमन कम ही हो पा
रहा है। जिला प्रशासन ने भी आमजनों से आग्रह किया हुआ
है कि बढ़ती गर्मी
के प्रकोप से बचने के लिए आवश्यक कार्यों से ही बाहर
निकलें। यानि कि
अपराह्न एक बजे से सायं 5 बजे तक प्रचंड गर्मी से खुद
को बचाकर रखें और
पानी व जूस आदि का अधिक सेवन करें, ताकि लू के थपेड़ों
से बचा जा सके। आम
जनों का कहना भी है कि कोरोना से तो अभी तक बच रहे
हैं, लेकिन इस प्रचंड
गर्मी से बच पाना असंभव प्रतीत हो रहा है। गुडग़ांव
में कोरोना पॉजिटिव की
संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसे लेकर
जिला प्रशासन व आमजन
भी चिंतित हैं। इस कोरोना वायरस पर प्रचंड गर्मी का
भी कोई प्रभाव दिखता
नजर नहीं आ रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने अपनी ओर
से कोरोना को
नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हुए हैं।
शहर के विभिन्न
क्षेत्रों को सैनिटाइज भी नियमित रुप से कराया जा रहा
है। उधर औद्योगिक
क्षेत्रों में उत्पादन का पहिया गति पकड़ता दिखाई देना
शुरु हो गया है।
मारुति सुजूकी के गुडग़ांव व मानेसर प्लांट में वाहनों
का उत्पादन जारी
है। इन दोनों प्लांटों में भी गत सप्ताह की अपेक्षा
इस सप्ताह के शुरु
में बेहतर होना शुरु हो गया है, लेकिन उद्योग विहार
क्षेत्र में उत्पादन
गति नहीं पकड़ पा रहा है। क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकांश
श्रमिक दिल्ली
क्षेत्र से ही काम करने के लिए आते हैं और जिला प्रशासन
ने कोरोना
पीडि़तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले एक पखवाड़े
से गुडग़ांव
दिल्ली सीमाएं सील की हुई हैं। इसी से आने वाले श्रमिकों
पर पूरा
प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि प्रतिष्ठानों के संचालक
जिला प्रशासन से
आग्रह भी कर चुके हैं कि श्रमिकों के गुडग़ांव प्रवेश
में कुछ रियायत बरती
जाए, लेकिन जिला प्रशासन से स्पष्ट कर दिया है कि बिना
वैध पास के किसी
को भी दिल्ली सीमा से गुडग़ांव में नहीं आने दिया जाएगा।
प्रतिष्ठानों के
संचालक दिल्ली से आने वाले श्रमिकों के लिए गुडग़ांव
में ही व्यवस्था करना
बेहतर रहेगा। कुछ प्रतिष्ठानों ने प्रशासन के इस आग्रह
पर पहल भी की है।
आम जनों का मानना है कि कोरोना का प्रकोप इतनी जल्दी
कम होने वाला नहीं
है। सावधानियां बरतते हुए लोगों को कोरोना के साथ जीना
सीखना होगा।
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