गुडग़ांव, चीनी सैनिकों की कायरतापूर्ण हरकत को लेकर
देशवासियों में चीन के प्रति आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
चीन निर्मित सामान का बहिष्कार करने के लिए सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं
द्वारा जन-जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं और चीन निर्मित सामान की होली भी
देशवासी जला रहे हैं। इसी क्रम में धार्मिक संस्थाएं भी मैदान में उतर आई
हैं। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने चीनी सैनिकों की हरकत को कायरतापूर्ण
बताते हुए देशवासियों से चीन निर्मित सामान का पूरी तरह से बहिष्कार करने
का आग्रह किया है। कथावाचक का कहना है कि कितनी विचित्र बात है कि चीन
में होली, दीपावली व रक्षाबंधन के पर्व नहीं मनाए जाते, लेकिन वह होली के
लिए गुलाल, दीपावली के लिए पटाखे व लाइट तथा रक्षाबंघन के लिए राखियां
बनाई जाती हैं और इन सब की बिक्री भारतवर्ष में की जाती रही है। उन्होंने
इन सभी सामान का बहिष्कार करने का आग्रह देशवासियों से किया है। उन्होंने
महिलाओं से यह आग्रह किया है कि रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है। वे चीन
निर्मित सोने-चांदी की राखी न खरीदें। अपने भाईयों के हाथ पर कलावा
बांधकर ही इस पर्व को मनाएं। चीन देश को बार-बार आंख दिखाता है तो फिर
उसका सामान क्यों खरीदा जाए। उन्होंने और स्पष्ट करते हुए कहा कि चीन
निर्मित सामान की कोई गारंटी नहीं हैं। ऐसे ही चीन निर्मित सामान का
उपयोग करने वाली की भी कोई गारंटी नहीं होती। उन्होंने महिलाओं से यह
आग्रह किया है कि भावना व दुआओं की राखी अपने भाईयों को बांधें। यदि भाई
से संबंध अच्छे न हो तो चीन निर्मित राखी खरीदने की सोचें। उन्होंने
देशवासियों से भी आग्रह किया है कि यदि वे सच्चे भारतीय व देशप्रेमी हैं
तो चीन निर्मित सामान न खरीदें, इससे जहां चीन का आर्थिक तंत्र बिगड़
जाएगा, वहीं चीन का डिब्बा भी गोल हो जाएगा।
Comment here