गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस के प्रकोप से विश्व के
सभी देश परेशान हैं। कोरोना महामारी के वैक्सीन की खोज में विश्व के
वैज्ञानिक व चिकित्सक लगे हुए हैं, लेकिन इस महामारी से बचाव की कोई सटीक
औषधि नहीं बन पाई है। भारत के वैज्ञानिक व चिकित्सक भी कोरोना महामारी की
वैक्सीन की खोज में जुटे हैं। अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक
स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया के
माध्यम से जानकारी मिली है कि हमारे देश के बहुत से शोध संस्थान कोरोना
की दवाई खोजने में जुटे हुए हैं और उन्हें इस कार्य के लिए मानव परीक्षण
की जरुरत है। स्वामी जी का कहना है कि यदि इन दवाईयों के परीक्षण के लिए
किसी मानव शरीर की आवश्यकता है तो वह स्वयं को इसके लिए प्रस्तुत करना
चाहेंगे। इसी संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने
विचारों से अवगत करा दिया है कि दवाईयों का परीक्षण उनके शरीर पर किया
जाए। इसमें उन्हें प्रसन्नता होगी और उनके शिष्य व सनातन धर्म के करोड़ों
अनुयायी भी इससे प्रेरणा लेंगे तथा भविष्य में कभी भी इस प्रकार के महान
उद्देश्य के लिए मानव शरीर की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री
से आग्रह किया है कि उनके अनुरोध को स्वीकार करने के दिशा-निर्देश जारी
किए जाएं, ताकि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए बनाने जा रही औषधि का उनके
शरीर पर परीक्षण कर सकें। मानवता के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं होगा।
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