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किसान मोर्चा का अनिश्चितकालीन धरना 63वें दिन भी जारी केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ किसानों में जबरदस्त आक्रोश

गुरुग्राम, कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसान
पिछले 95 दिन से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। उनके समर्थन
में विभिन्न प्रदेशों में भी विभिन्न किसान संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन
धरनों का आयोजन किया जा रहा है। इन धरनों में अन्य संस्थाओं के लोग भी
समर्थन करने के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। गुडग़ांव में भी संयुक्त
किसान मोर्चा ने अनिश्चितकालीन धरना किसान आंदोलन के समर्थन में शुरु
किया हुआ है। मोर्चा का यह धरना रविवार को 63 दिन भी जारी रहा। धरने में
शामिल लोगों को संबोधित करते हुए मोर्चा के अध्यक्ष संतोख सिंह ने कहा कि
इन कृषि कानूनों से पूंजीपति भूख का व्यापार करेंगे। इन कानूनों से जहां
जमाखोरी बढ़ेगी, वहीं महंगाई भी आम आदमी को प्रभावित करेगी। किसान नेताओं
राव कमलवीर, आरएस राठी व गजेसिंह कबलाना ने कहा कि देश में पहले से ही 40
करोड़ से अधिक जनता गरीबी रेखा से नीचे है। इन कानूनों के लागू हो जाने
से देश में भुखमरी व बेरोजगारी ही बढ़ेगी। धरने में शामिल लोगों ने
केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए जबरदस्त नारेबाजी
भी की और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इन कानूनों को तुरंत वापिस लिया
जाए, ताकि किसान अपना आंदोलन समाप्त कर अपने घरों को लौट सकें। जब तक
किसानों की मांगें नहीं मानी जाती, तब तक धरना जारी रहेगा। धरने पर बैठने
वालों में जयप्रकाश रेहडू, रणवीर ठाकरान, हरी सिंह चौहान, मुकेश डागर,
सतबीर देशवाल, रघुवीर सिंह सैनी, महासिंह ठाकरान, डा. धर्मवीर राठी,
इंद्रजीत सिंह, दयानंद शर्मा आदि शामिल रहे।

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