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आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज सामाजिक संगठनों ने जताई नाराजगी

गुडग़ांव, गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम बापू की जमानत पर
सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है कि आसाराम बापू
के देश में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। उनके बाहर आने से ये अनुयायी
एकत्रित हो सकते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का भय है। यह कहना
है सामाजिक संस्था जन जागरण मंच हरी शंकर व यूथ सनातन संघ के राष्ट्रीय
अध्यक्ष बम बम ठाकुर का। उनका कहना है कि बापू की जमानत याचिका का सरकारी
पक्ष ने यह दलील देते हुए विरोध किया कि दायर की गई याचिका में कोई नया
आधार नहीं है। इसलिए जमानत न दी जाए। सामाजिक संस्थाओं के दोनों
प्रवक्ताओ ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि देश में बड़े-बड़े
अपराधों के आरोपियों को कोरोना बीमारी से बचाने के लिए जेलों से पैरोल पर
रिहा किया जा रहा है या फिर उन्हें जमानत दी जा रही है, लेकिन आसाराम
बापू जिन्होंने अपने जीवनकाल के 50 वर्ष देश की संस्कृति व समाजसेवा में
लगा दिए, उनकी जमानत व पैरोल को खारिज कर दिया गया है। इसको लेकर उनके
अनुयायियों में मायूसी छा गई है। उनका कहना है कि जेलों में भी कोरोना का
प्रकोप चल रहा है। बापू भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, लेकिन उनके जीवन
रक्षा के लिए कुछ भी नहीं सोचा जा रहा है।

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