गुडग़ांव, मुस्लिम समुदाय के ईद-उल-जुहा यानि कि बकरीद
का पर्व आज शनिवार को समुदाय के लोग मनाएंगे। बकरीद की सभी तैयारियां
पूरी कर ली गई हैं। समुदाय के लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि कोरोना
से बचाव के लिए वे अपने घरों में ही नमाज अता करें। बकरीद को कुर्बानी के
रुप में भी मनाया जाता है। कोरोना के चलते इस बार बकरों की बिक्री के लिए
मंडियां नहीं सजी। समुदाय के सामथ्र्य लोगों ने मीट की दुकानों पर ही
बकरों की बुकिंग कराई बताई जाती है। बकरों की मंडी में बकरे अधिकांशत:
ग्रामीण क्षेत्रों से ही बिक्री के लिए आते थे, लेकिन कोरेाना के कारण
नहीं आ सके। लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को भी आर्थिक तंगी का सामना करना
पड़ा है। वे अभी भी इस तंगी से उबर नहीं पाए हैं। बताया जाता है कि
ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक तंगी से जूझ रहे ग्रामीणों ने आधे दामों पर
ही बकरों की बिक्री की है। सोहना चौक स्थित जामा मस्जिद के इमाम जान
मोहम्मद का कहना है कि कोरोना के कारण सभी मस्जिदें बंद की हुई हैं।
इसलिए लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए घरों में ही बकरीद की नमाज
अता करने का आग्रह किया गया है और सभी ये आग्रह भी किया है कि वे अन्य
समुदाय के लोगों का ध्यान रखते हुए इस पर्व को मनाएं। हालांकि सरकार की
ओर से कुर्बानी पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है, लेकिन इस बार लॉकडाउन
में आर्थिक व्यवस्था चरमरा जाने के कारण कुर्बानी देने वालों की संख्या
में भी कमी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। शुक्रवार को शहर के
मुख्य सदर बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में भी समुदाय के लोग बकरीद के लिए
खाद्य सामग्री खरीदते दिखाई दिए। हालांकि कोरोना के भय के कारण लोग
खरीददारी करने के लिए कम ही बाजारों में आ रहे हैं। दुकानदारों का भी
कहना है कि दुकानदारी नाममात्र की ही रह गई है। हालांकि सैंवई व फैनी के
दामों में ईद-उल-फितर पर्व की अपेक्षा अब कमी आई है, लेकिन फैनी व सैवईं
खरीदने के लिए भी कम ही लोग आ रहे हैं। उधर जिला प्रशासन ने भी बकरीद को
देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की हुई
है, ताकि समुदाय के लोग अपना पर्व मना सकें।
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