गुरुग्राम कोरोना महामारी के चलते जहां विभिन्न
क्षेत्रों में कारोबार प्रभावित रहा, वहीं पर्यटन का कारोबार भी एक तरह
से ठप्प होकर ही रह गया। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण जहां इन पर्यटन
स्थलों को बंद कर दिया गया था, वहीं पुन: खोले जाने पर भी कारोबार में
कोई प्रगति होती दिखाई नहीं दी। अनलॉक में सरकार ने सभी प्रतिष्ठानों व
सेवाओं को खोल दिया है और वे कोरोना से उबरने के प्रयासों में जुटे हैं।
उनका कारोबार पटरी पर भी आने लगा है, लेकिन पर्यटन का यह कारोबार पटरी पर
आता दिखाई नहीं दे रहा है। लोग अभी भी कोरोना के डर से पर्यटन केंद्रों
में जाने से हिचक रहे हैं। निजी पर्यटन स्थलों में नाममात्र के लोग ही
पहुंच रहे हैं। इससे पर्यटन स्थलों का खर्च और स्टाफ का वेतन भी निकल
नहीं पा रहा है। जहां हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग इन पर्यटन
स्थलों पर भ्रमण के लिए आते थे, वहीं अब इनकी संख्या नाममात्र की ही रह
गई है। जिले में सुल्तानपुर राष्ट्रीय पक्षी उद्यान, दमदमा झील, किंगडम
ऑफ ड्रीम्स (केओडी), सूरजगढ़ व लोहागढ़ फार्म, निजी व सरकारी पर्यटन स्थल
हैं। इनमें से अधिकांश पर्यटन स्थलों को कोरोना से बचाव के लिए जारी
दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने दे दी
है, लेकिन फिर भी इन पर्यटन स्थलों पर सीमित संख्या में ही पर्यटक पहुंच
रहे हैं। केओडी को भी जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए खोलने की
अनुमति प्रदेश सरकार ने दी है, लेकिन पहले की भांति केओडी में कम ही लोग
पहुंच रहे हैं। कोरोना से पूर्व दूर-दराज से पर्यटक केओडी को देखने के
लिए बड़ी संख्या में आते थे। शनिवार व रविवार को तो केओडी में जबरदस्त
भीड़ होती थी। सुल्तानपुर राष्ट्रीय पक्षी उद्यान विदेशी परिंदों के लिए
जाना जाता है। सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी परिंदे इस
राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में आते हैं। इन परिंदों ने हालांकि पक्षी उद्यान
में डेरा डाला हुआ है। इन परिंदों का दीदार करने के लिए कोरोना से पूर्व
बड़ी संख्या में परिंदे देश के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं, लेकिन
कोरोना के कारण इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। सूरजगढ़ फार्म को पर्यटकों के
लिए गांव की थीम पर बनाया गया है। पहले इस स्थल पर भी बड़ी संख्या में
पर्यटक आते थे, लेकिन अब यहां पर उनकी संख्या काफी कम हो गई है। अनलॉक
में इसे खोला गया था, लेकिन पर्यटकों की संख्या कम ही रही। इसलिए यह बंद
ही है। लोहागढ़ व डेल्टा 105 पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं, लेकिन यहां
पर भी नाममात्र के ही पर्यटक पहुंच रहे हैं। यही हाल दमदमा झील का है।
यहां पर भी पर्यटकों की संख्या बहुत ही कम दिखाई दे रही है। लोगों के मन
से अभी कोरोना का भय नहीं गया है। इस प्रकार पर्यटन का कारोबार उबरता
दिखाई नहीं दे रहा है। यानि कि वर्ष 2020 में पर्यटन का कारोबार बुरी तरह
से प्रभावित हुआ है।
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