गुडग़ांव, अब सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई
निजी स्कूलों की सूचनाओं का जबाव देने में ये निजी स्कूल कोई बहानेबाजी
नहीं कर पाएंगे। क्योंकि प्रदेश के शिक्षा निदेशालय ने राज्य सूचना आयोग
के आदेशानुसार सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी
निजी स्कूल अब प्राईवेट संस्था की दलील देकर आरटीआई की सूचना का जबाव
देने से इंकार नहीं कर सकता। छात्रों व अभिभावकों को शिक्षा व सामाजिक
क्षेत्र में निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने वाले कैलाशचंद्र एडवोकेट
का कहना है कि शिक्षा निदेशालय ने ऐसे निजी विद्यालयों की निर्धारित अवधि
में आरटीआई की सूचना नहीं देने पर मान्यता वापिस लेने संबंधित सोकॉज
नोटिस जारी करने का फैसला भी लिया है। उनका कहना है कि पंचकूला के मनीष
बांगड़ ने राज्य सूचना आयोग को शिकायत दी थी कि निजी स्कूल आरटीआई के तहत
मांगी गई सूचनाएं नहीं देते। इस पर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान
लेते हुए प्रदेश के सैकेण्डरी शिक्षा निदेशालय को ये आदेश जारी किए हैं।
अब निदेशालय ने शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि सूचना
के अधिकार के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता को 15 दिन की निर्धारित अवधि में
मांगी गई सूचना उपलब्ध कराई जाए। सूचना उपलब्ध नहीं कराने वाले निजी
विद्यालयों की मान्यता वापिस लेने संबंधी कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा।
अधिवक्ता का कहना है कि प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूल प्राईवेट संस्था का
बहाना बनाकर मांगी गर्ई सूचनाएं उपलब्ध कराने में आनाकानी करते रहे हैं।
अब ये सभी निजी स्कूल समय पर सूचना देने के लिए बाध्य होंगे। सूचना आयोग
के आदेश सभी निजी स्कूलों पर लागू होंगे।
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