राज्य

अपराधियों पर लगाम कसने वाली ड्रग इंस्पेक्टर के सीने में दागीं गोल‍ियां

मह‍िला ड्रग इंस्पेक्टर के छापे की वजह से एक केम‍िस्ट इतना बौखला गया कि उसने बंदूक उठा ली. अस्पताल माल‍िक से नौकरी करने वाले केमिस्ट के सिर पर खून सवार हो गया. उस शख्स के सीने में बदले की आग सुलगने लगी और वह मह‍िला अफसर को गोली से उड़ाने की प्रैक्टिस करने लगा. शुक्रवार को उस शख्स ने महिला अफसर ऑफ‍िस जाकर उसके सीने में 4 गोल‍ियां दाग दीं और बाद में खुद को भी गोली मार ली. यह द‍िल दहला देने वाला हादसा पंजाब में एसएएस ज‍िले के खरड़ कस्बे में हुआ.

10 साल पहले केमिस्ट शॉप और फिर अस्पताल सील किए जाने से नाराज एक शख्स ने शुक्रवार को जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी डॉ. नेहा शौरी की खरड़ की ड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या कर जब बलविंदर सिंह भाग रहा था तो लोगों ने उसे घेर लिया. इस पर उसने रिवॉल्वर माथे पर लगाई और खुद को भी गोली मार ली. बलविंदर ने डॉक्टर की छाती में 4 गोलियां मारी थीं.

रोजाना की तरह शुक्रवार को डॉक्टर नेहा, ऑफिस की दूसरी मंजिल पर रूम नंबर-211 में काम कर रही थीं. नेहा अपनी 5 साल की भतीजी को भी साथ लाई थीं. शुक्रवार करीब 11:30 बजे लाल रंग की टी-शर्ट पहने बलव‍िंदर अंदर आया. कुछ बात करने के बाद उसने डॉक्टर को दबोच लिया. बैग से रिवॉल्वर निकाली और 4 फायर कर दिए. गोलियां नेहा की बाजू व छाती पर लगीं. बलव‍िंदर के बैग से एक चाकू, 12 बुलेट व रिवॉल्वर का लाइसेंस मिला.

बलविंदर का रूपनगर ज‍िले के मोरिंडा में मेडिकल स्टोर था. 29 सितंबर 2009 को तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर नेहा शौरी ने छापेमारी कर 35 प्रकार की प्रतिबंधित दवाएं पाईं थीं और दुकान सील कर लाइसेंस रद्द कर दिया था. दुकान सील होने के बाद बलविंदर ने मोरिंडा में ही अस्पताल खोला. लेकिन पिछले साल डॉक्टर नेहा ने यहां चेकिंग की और डॉक्यूमेंट पूरे न होने पर अस्पताल भी बंद करवा दिया. उसके बाद बलविंदर को नौकरी के ल‍िए मजबूर होना पड़ा. अपनी इस खराब हालत का जिम्मेदार वह डॉक्टर नेहा को मानता था.

कहा जाता है क‍ि ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर नेहा सख्त मिजाज अफसर थीं. केमिस्टों में उनकी रेड को लेकर हमेशा खौफ बना रहता था. बलविंदर सिंह की ड्रग इंस्पेक्टर नेहा शौरी से 10 साल पुरानी रंजिश बताई जा रही है. आरोपी की मोरिंडा में केमिस्ट की दुकान थी और उस समय नेहा शौरी, रोपड़ में ड्रग इंस्पेक्टर तैनात थीं.

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