गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से शहर व
ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़े ही परेशान दिखाई दे रहे हैं। हालांकि कोरोना
ने पूरे गुडग़ांव जिले को अपनी चपेट में लिया हुआ है। शहरी क्षेत्र का ऐसा
कोई भी आवासीय क्षेत्र नहीं है जहां पर कोरोना पॉजिटिव न मिल रहे हों।
कोरोना ने शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी जकडऩा शुरु
किया हुआ है। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इन
मृतकों में 50 प्रतिशत से अधिक ओल्ड गुडग़ांव के पीडि़त बताए जाते हैं।
अनलॉक वन में प्रतिदिन 3 संक्रमित दम तोड़ रहे हैं, लेकिन साथ ही यह भी
संतोष की बात है कि कोरोना पीडि़तों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार भी
हो रहा है। चौथे चरण के लॉकडाउन के अंतिम दिन यानि कि 31 मई तक गुडग़ांव
में कोरोना से मृतकों की संख्या मात्र 3 ही थी, जबकि अनलॉक वन के एक जून
से ही 17 दिनों में 48 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तो
स्वास्थ्य विभाग ने न जाने किन कारणों से कोरोना पॉजिटिव किस क्षेत्र से
संबंधित हैं इसकी जानकारी देना भी बंद कर दिया है। कोरोना संक्रमितों का
आंकड़ा जहां मात्र 774 था, वहीं अब अनलॉक वन में 3 गुणा से अधिक हो गया
है। हालांकि जिला प्रशासन अपनी ओर से इस महामारी को नियंत्रित करने में
कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहा है। अधिकांश सरकारी अधिकारियों को कोरोना
पीडि़तों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है, लेकिन इस सब के
बावजूद भी कोरोना पीडि़तों की संख्या कम होती दिखाई नहीं दे रही है। जिला
प्रशासन ने कोरोना पीडि़तों को हरसंभव सहायता देने के लिए पूरी व्यवस्था
की हुई है। प्रशासन का यही उद्देश्य है कि कोरोना से बचाव के लिए आमजन
जहां सामाजिक दूरी का पालन करें, वहीं फेस मास्क, सैनिटाइजर आदि का
इस्तेमाल भी करें। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से परहेज करें,
लेकिन अधिकांश लापरवाह लोग जिला प्रशासन के आदेशों का दिल से पालन नहीं
करते दिखाई दे रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों के चालान आदि
काटने भी शुरु किए हुए हैं। अनलॉक वन के 18वें दिन शहरी तथा ग्रामीण
क्षेत्रों में वाहनों का आवागमन सामान्य ही दिखाई दे रहा है। यह आवागमन
बढ़ती गर्मी के कारण भी प्रभावित हो रहा है। आवश्यक कार्यों से ही लोग
अपने घरों से गर्मी के इस मौसम में निकल पा रहे हैं।
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