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अदालत ने बिजली चोरी का मामला पाया गलत बिजली निगम को 80 हजार 633 रुपए जुर्माना राशि का 6 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान करने का दिया आदेश

गुडग़ांव, बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल
जज हरजोत कौर की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को गलत बताते हुए बिजली
निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जुर्माने के रुप में जमा कराई
गई 80 हजार 633 धनराशि का 6 प्रतिशत ब्याज दर से 2 माह के भीतर भुगतान
किया जाए। उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के
अनुसार जिले के पटौदी खंड के गांव जोड़ीकलां के देवेंद्र सिंह ने वर्ष
2018 की 17 मई को क्षेत्र के बिजली निगम के एसडीओ को एक पत्र लिखा था,
जिसमें कहा गया था कि कुछ लोग एचटी लाइन को शिफ्ट करा रहे हैं। यह लाइन
उसके खेतों के ऊपर से न ले जाई जाए। उसका यह भी कहना था कि लाइन शिफ्टिंग
का तरीका गलत है और इसको शिफ्ट करने के लिए विभाग की अनुमति नहीं ली गई
है, जिससे विभाग के अधिकारी देवेंद्र सिंह से नाराज हो गए और 23 मई को
उसके खिलाफ बिजली चोरी का मामला भी बना दिया और 80 हजार 633 रुपए का
जुर्माना भी लगा दिया। बिजली निगम ने उसे यह धमकी भी दी कि उसके भाई
ब्रह्मप्रकाश के नाम से जो बिजली का कनेक्शन है, उसको काट दिया जाएगा।
क्योंकि देवेंद्र सिंह अपने भाई के साथ ही उसी के घर में रहता है। कहीं
बिजली का कनेक्शन न कट जाए इस डर से देवेंद्र सिंह ने जुर्माना की धनराशि
का भुगतान बिजली निगम को कर दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि देवेंद्र सिंह
ने वर्ष 2018 की 23 जुलाई को जिला अदालत में बिजली निगम के खिलाफ मामला
दायर कर दिया। अदालत में सुनवाई हुई। बिजली निगम द्वारा अदालत में जो
सबूत व गवाह पेश किए गए, उनसे उपभोक्ता पर लगाए गए आरोप सिद्ध होना न
पाते हुए अदालत ने बिजली चोरी के मामले को गलत करार दिया और विभाग को यह
आदेश दिया कि देवेंद्र सिंह द्वारा जमा कराई गई 80 हजार 633 रुपए की
जुर्माना राशि को 6 प्रतिशत ब्याज दर से 2 माह के भीतर भुगतान किया जाए।
अधिवक्ता का कहना है कि पीडि़त उपभोक्ता अब बिजली निगम के खिलाफ मानहानि
व ह्रासमेंट का केस भी दायर करेगा, जिसकी उसने तैयारियां शुरु कर दी हैं।

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